Thursday, 21st November, 2024

नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः।
न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुतः॥
The soul can never be cut by any weapon, nor burned by fire, nor moistened by water or withered by the wind.

Om Dyauh Shantirantariksham Shantih

ॐ द्यौः शान्तिरन्तरिक्षं शान्तिः

(हिंदी में अर्थ एवं व्याख्या सहित)

oṃ dyauḥ śāntirantarikṣaṃ śāntiḥ | Om Dyauh Shantirantariksham Shantih

(With meaning and explanation in English)

यजुर्वेद के इस शांति पाठ मंत्र के माध्यम से साधक ईश्वर से शांति बनाए रखने की प्रार्थना करता है। विशेष रूप से हिंदू संप्रदाय के लोग किसी भी प्रकार के धार्मिक समारोह, संस्कार, यज्ञ आदि के प्रारंभ और अंत में इस शांति पथ के मंत्रों का जाप करते हैं। इस पाठ से प्रार्थना करने से मन शांत हो जाता है।

Last Updated: 28th October, 2022

ॐ द्यौः शान्तिरन्तरिक्षं शान्तिः
पृथिवी शान्तिरापः शान्तिरोषधयः शान्तिः।
वनस्पतयः शान्तिर्विश्वेदेवाः शान्तिर्ब्रह्म शान्तिः
सर्वं शान्तिः शान्तिरेव शान्तिः सा मा शान्तिरेधि॥
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः॥

oṃ dyauḥ śāntirantarikṣaṃ śāntiḥ
pṛthivī śāntirāpaḥ śāntiroṣadhayaḥ śāntiḥ।
vanaspatayaḥ śāntirviśvedevāḥ śāntirbrahma śāntiḥ
sarvaṃ śāntiḥ śāntireva śāntiḥ sā mā śāntiredhi॥
oṃ śāntiḥ śāntiḥ śāntiḥ॥

पूरे आकाश में और साथ ही विशाल अंतरिक्ष में हर जगह शांति हो। इस पृथ्वी पर, जल में और सभी जड़ी-बूटियों, पेड़ों और लताओं में शांति हो। पूरे ब्रह्मांड में शांति का प्रवाह हो। परमपिता ब्रह्म में शांति हो। और केवल शांति और हमेशा शांति हो। ओम् हमें और सभी प्राणियों के लिए शांति, शांति और शांति!

May peace radiate there in the whole sky as well as in the vast ethereal space everywhere. May peace reign all over this earth, in water and in all herbs, trees and creepers. May peace flow over the whole universe. May peace be in the Supreme Being Brahman. And may there always exist in all peace and peace alone. Aum peace, peace and peace to us and all beings!

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