इस शान्तिपाठ में शिष्य ब्रह्म से अपनी एवं अपने आचार्य यानी उपदेष्टा वक्ता की रक्षा की प्रार्थना करता है।
Last Updated: 28th October, 2022
ॐ शं नो मित्रः शं वरुणः।
शं नो भवत्वर्यमा।
शं नो इन्द्रो बृहस्पतिः।
शं नो विष्णुरुरुक्रमः।
नमो ब्रह्मणे। नमस्ते वायो। त्वमेव प्रत्यक्षं बह्मासि। त्वामेव प्रत्यक्षं ब्रह्म वदिष्यामि। ऋतं वदिष्यामि। सत्यं वदिष्यामि। तन्मामवतु। तद्वक्तारमवतु। अवतु माम। अवतु वक्तारम्।
ॐ शान्तिः। शान्तिः। शान्तिः।
oṃ śaṃ no mitraḥ śaṃ varuṇaḥ।
śaṃ no bhavatvaryamā।
śaṃ no indro bṛhaspatiḥ।
śaṃ no viṣṇururukramaḥ।
namo brahmaṇe। namaste vāyo। tvameva pratyakṣaṃ bahmāsi। tvāmeva pratyakṣaṃ brahma vadiṣyāmi। ṛtaṃ vadiṣyāmi। satyaṃ vadiṣyāmi। tanmāmavatu। tadvaktāramavatu। avatu māma। avatu vaktāram।
oṃ śāntiḥ। śāntiḥ। śāntiḥ।
देवता ‘मित्र’ हमारे लिए कल्याणकारी हों, वरुण कल्याणकारी हों। ‘अर्यमा’हमारा कल्याण करें। हमारे लिए इन्द्र एवं बृहस्पति कल्याणप्रद हों। ‘उरुक्रम’ (विशाल डगों वाले) विष्णु हमारे प्रति कल्याणप्रद हों । ब्रह्म को नमन है। वायुदेव तुम्हें नमस्कार है। तुम ही प्रत्यक्ष ब्रह्म हो। अतः तुम्हें ही प्रत्यक्ष तौर पर ब्रह्म कहूंगा। ऋत बोलूंगा। सत्य बोलूंगा। वह ब्रह्म मेरी रक्षा करें। वह वक्ता आचार्य की रक्षा करें। रक्षा करें मेरी। रक्षा करें वक्ता आचार्य की। त्रिविध ताप की शांति हो।
May the deity 'Mitra' be beneficial to us, Varuna beneficent. 'Aryama' bless us. May Indra and Jupiter be beneficial to us. May 'Urukram' (the one with huge steps) Vishnu be benevolent towards us. Praying to Brahma. Greetings to you Vayudev. You are the direct Brahman. Therefore I will directly call you Brahma. I will speak I will tell the truth May that Brahma protect me. He should protect the speaker Acharya. Protect me Protect the speaker Acharya. May there be peace of triple heat.
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